
राष्ट्र प्रथम,सदैव प्रथम की भावना से बढ़ें आगे,बिहार के लोकोमोटिव का बजेगा डंका
नगराज दर्पण समाचार
गोरखपुर । केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लोकसभा में रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों और चर्चा पर जवाब दिया। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय रेल की प्रगति को रेखांकित करते हुए पंक्चुअलिटी, रोजगार, सुरक्षा, निर्यात और इंफ्रा डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी। वैष्णव ने कहा कि रोजगार देने में भी रेलवे सबसे आगे है। उन्होंने देश की प्रगति के लिए सभी से राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
रेल मंत्री ने सदन में कहा कि रेलवे की पंक्चुअलिटी में बड़ा सुधार हुआ है। इस वर्ष में 68 में से 49 डिवीजन में गाड़ियों की पंक्चुअलिटी 80 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है। उससे भी गौरव की बात ये है कि 12 डिवीजन ऐसे रहे जहां पंक्चुअलिटी 95 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल की पंक्चुअलिटी 93.6 प्रतिशत है। विश्व के बड़े देशों के बराबर पहुंचने की कोशिश हम कर रहे हैं। ये रेलवे की गुणवत्ता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल ने पिछले 10 वर्षों में 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में भी 1 लाख लोगों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
रेल मंत्री ने कहा कि अब भारतीय रेल में सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं। लंबे रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस जैसे कदमों ने रेल यात्रा को और सुरक्षित बनाया है। 50 हजार किलोमीटर पुराने ट्रैक को हटाकर नए ट्रैक बिछाए गए हैं, जिससे सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 34 हजार किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बनाए गए हैं, जो जर्मनी के पूरे रेल नेटवर्क से भी अधिक है। लोकोमोटिव उत्पादन में भी भारत ने बाजी मारी है। रेल मंत्री ने कहा कि देश में 1400 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ जो अमेरिका और यूरोप के कुल उत्पादन से अधिक है।रेल मंत्री ने कहा कि आज भारत एक बड़ा रेलवे निर्यातक बन चुका है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच,यूके, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच तथा मैक्सिको,स्पेन,जर्मनी और इटली को ऑपरेशन इक्विपमेंट निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार में बने लोकोमोटिव का दुनिया में डंका बजेगा और तमिलनाडु में निर्मित पहिए दुनिया के दूसरे देशों की ट्रेनों में भी दौड़ते नजर आएंगे। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है।कहा कि कोलकाता मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। 1972 से 2014 तक 42 वर्षों में 28 किमी का काम हुआ, जबकि मोदी सरकार के 10 वर्षों में 38 किमी का काम पूरा हुआ। बुलेट ट्रेन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें देश को आगे ले जाना है। बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाए जा रहे हैं। रेल मंत्री ने नॉर्थ ईस्ट में रेलवे प्रोजेक्ट्स में अभूतपूर्व प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि सिक्किम में सेवक से रंगपो तक रेल प्रोजेक्ट पहुंच रहा है, असम में नए काम शुरू हुए हैं और त्रिपुरा में आजादी के बाद पहली बार ब्रॉड गेज लाइन शुरू हुई है। केंद्र सरकार ने हर राज्य के लिए रेलवे विकास हेतु ऐतिहासिक बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे का लक्ष्य हर कोने को रेल नेटवर्क से जोड़ना और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देना है।