
खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू पर एनआईए ने सख्त कदम उठाया है। एनआईए ने पन्नू की अमृतसर और चंडीगढ़ में मौजूद संपत्ति कुर्क कर ली है। चंडीगढ़ स्थित उनके घर की भी कुर्की हो गई है। बताया जा रहा है कि इससे पहले 2020 में भी पन्नू की संपत्ति कुर्क की गई थी। पन्नू इस समय अमेरिका में रह रहा है और वह लगातार भारत विरोधी वीडियो जारी करता रहता है। बताया जा रहा है कि जब्त की गई संपत्तियों में अमृतसर जिले के बाहरी इलाके में गुरपतवंत सिंह पन्नू के पैतृक गांव स्थित खानकोट में 46 कनाल कृषि संपत्ति शामिल है। एक और संपत्ति जो एनआईए द्वारा जब्त की गई है, वह चंडीगढ़ के सेक्टर 15-सी में उनका मकान नंबर 2033 है। कुर्की के बाद, पन्नू ने संपत्ति का अधिकार खो दिया और संपत्ति अब सरकार की है। 2020 में भी उनकी संपत्ति कुर्क कर ली गई थी, जिसका मतलब था कि वह संपत्ति नहीं बेच सकते थे।
दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से चार मेट्रो स्टेशन और एक बिल्डिंग पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे गए थे। बताया जाता है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू के कहने पर दिल्ली में मेट्रो स्टेशन और बिल्डिंग पर पंजाब के लड़कों ने खालिस्तानी प्रो नारे लिखे थे। इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन, इंटरपोल ने खालिस्तान के अलगाववादी नेता गुरूपतवंत सिंह पुन्नू के खिलाफ आतंकी मामलों में रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील वापस भेज दी है। सूत्रों ने बताया है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन ने भारतीय एजेंसियों की तरफ से सभी इनपुट जमा किये थे लेकिन इंटरपोल ने और प्रश्न पूछते हुए इस अपील को वापस भेज दिया। कनाडा में खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक को मई में हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला स्थित विधानसभा पर खालिस्तानी बैनर टांगने और ग्रेफिटी बनाने के मामले में मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। उनके संगठन, सिख फॉर जस्टिस को केंद्र सरकार ने 2019 में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए बैन कर दिया था।