Nagraj Darpan

1472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों की होगी स्थापना, मिलेगा रोजगार

नगराज दर्पण समाचार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश अब फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता यूपीसीडा द्वारा बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में विकसित किए जा रहे फार्मा पार्क्स को लेकर है। इस परियोजना के तहत कुल 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को स्थापित करने की योजना है। यह भूमि पांच गांवों—सैदपुर (426 एकड़), गदोलिकला (249 एकड़), लरगन (239 एकड़), करौंदा (116 एकड़) और रामपुर (441 एकड़) में फैली हुई है।आईआईटी,बीएचयू)वाराणसी का फार्मास्यूटिकल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभाग इस परियोजना में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।की विशेषज्ञता का लाभ लेकर फार्मा पार्क्स में कार्यरत कंपनियों को योग्य मानव संसाधन, अनुसंधान सहयोग और तकनीकी समाधान प्राप्त होंगे।उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास राज्य में फार्मा सेक्टर के लिए मजबूत आधार तैयार करेगा। फार्मा पार्क्स को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों को आकर्षित कर सकें। इससे राज्य में नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।इस समझौते से न केवल औद्योगिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र को भी सामाजिक और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी। राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर मिलेंगे, और वे अपने ही राज्य में एक स्थायी करियर बना सकेंगे।

   यह समझौता उत्तर प्रदेश की औद्योगिक यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है। हमारा उद्देश्य केवल जमीन उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि एक समावेशी और सशक्त औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
  मयूर माहेश्वरी
सीईओ यूपीसीडा

हम इस साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं। DOPET के पास फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की तकनीकी क्षमता है। हम नॉलेज पार्टनर के रूप में अपना योगदान देंगे।
प्रो. राजेश कुमार
डीन, आईआईटी-बीएचयू

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *