नगराज दर्पण समाचार
गोरखपुर। पूर्वाेत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पूर्वाेत्तर रेलवे की गाड़ियों में प्रतिदिन 48 हजार लिनेन पैकेट तैयार किया जाता है तथा प्रतिदिन लगभग एक लाख चादरों की धुलाई की जाती है। लाउण्ड्री में धुलाई की प्रक्रिया पर निगरानी रखने हेतु 15 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। यात्रियों की संतुष्टि हेतु लिनेन पैकेट पर क्यू.आर. कोड दिया गया है, जिसे स्कैन कर देखने पर रेलवे द्वारा की जा रही लिनेन की धुलाई की पूरी प्रक्रिया दिखती है। बेड शीट की सफेदी चेक करने के लिये मीटर लगाया गया है तथा कम्बल की धुलाई की क्षमता बढ़ायी गयी है। गाड़ियों में यात्रियों से फीड बैक लिया जाता है, जिससे पता चलता है कि यात्रियों को इससे संतुष्टि मिल रही है। हर वातानुकूलित कोच में बेड रोल के त्वरित वितरण के लिये एक अटेण्डेन्ट नियुक्त किया गया है। अब आगे लिनेन की मॉनिटरिंग के लिये आर्टिफियल इन्टेलिजेन्स (ए.आई.) का भी उपयोग शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की संतुष्टि को ध्यान में रख कर भारतीय रेल अपने सम्मानित उपभोक्ताओं को बेहतर यात्रा सुविधा उपलब्ध करा रहा है। स्टेशन अथवा ट्रेनों में यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। ट्रेनों में बेडरोल वितरण की निगरानी के लिए 24× 7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। विभिन्न स्टेशनों पर चढ़ने वाले यात्रियों के लिए बेडरोल की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाता है। इसके लिये रेल प्रशासन 24 घंटे मुस्तैद रहती है। ‘रेल मदद‘ एप, हेल्प लाइन नम्बर-139, एस.एम.एस एवं वेब के माध्यम से प्राप्त परिवादों का समय से निस्तारण किया जा रहा है। सभी शिकायतों की समीक्षा की जाती है तथा व्यवस्था में सुधार किया जाता है जिसके फलस्वरूप ज़्यादातर उत्कृष्ट फीडबैक प्राप्त हो रहा है। तकियों के अच्छे दिखने के लिए प्रतिदिन हल्के नीले रंग के 600 तकियों के नये कवर बनाए जा रहे हैं। लिनन की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए खराब गुणवत्ता वाले पुराने लिनन को समय पर हटाया जा रहा है और उसके स्थान पर नए लिनेन को शामिल किया जा रहा है। प्रति कोच बेडरोल वितरण के लिए अनुबंध के माध्यम से बेडरोल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है, जिससे रेलमदद पर बेडरोल सम्बन्धित शिकायतें कम हो गई हैं। रेलवे लाउण्ड्री की क्षमता में लगातार वृद्धि हो रही है। कंबल तथा बेडरोल की धुलाई की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए धुलाई के बाद कंबल की टैगिंग की जा रही है। पत्रकार वार्ता में जनसंपर्क अधिकारी चंद्र प्रकाश चौहान भी मौजूद थे।