आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरण समारोह में बोले मुख्यमंत्री योगी
नगराज दर्पण समाचार
गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘सशक्त भारत’ के निर्माण के लिए स्वस्थ भारत का होना जरूरी है। ‘स्वस्थ भारत’ के लिए हर नागरिक की आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में केंद्र और प्रदेश की सरकार हर एक स्तर पर पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना, आयुष्मान वय वंदना योजना हो या फिर मुख्यमंत्री राहत कोष से जरूरतमंदों को भरपूर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के कार्य, यह सभी स्वस्थ भारत के जरिये सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ाए गए कदम हैं।
सीएम योगी सोमवार को महंत दिग्विजयनाथ पार्क में 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। 19 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से वय वंदना कार्ड प्रदान किए और उनसे आत्मीय संवाद कर उनका कुशलक्षेम जाना और सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन की कामना की। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले आजादी के बाद 70 सालों में प्रदेश में सिर्फ 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे जबकि आज डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश के 75 में से 65 जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की सौगात दे दी है। अकेले इस वर्ष 16 मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए गए। इनमें से 13 सरकारी और 3 पीपीपी मोड पर संचालित होंगे। इसके अतिरिक्त दो नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी शुरू हुए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष इंसेफेलाइटिस से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत होती थी। 2017 के बाद डबल इंजन की सरकार ने प्रभावी नियंत्रण के साथ बीमारी को समाप्त कर दिया है। 2017 के पहले जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश में अकेला गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज था, वह भी खुद बीमार रहा करता था। जबकि आज डबल इंजन की सरकार में गोरखपुर में एम्स खुल चुका है, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी की सेवा शुरू हो चुकी है। पहले देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बहराइच में मेडिकल कॉलेज नहीं थे वहीं आज इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज बन गए हैं या बन रहे हैं।
योगी ने कहा कि सरकार हर जिले में सरकारी अस्पतालों में आईसीयू, डायलिसिस, सीटी स्कैन, कलर डॉपलर, एमआरआई, ब्लड बैंक, ब्लड कंपोनेंट यूनिट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कर रही है और इसका लाभ बड़े पैमानों पर नागरिक ले रहे हैं। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाने के साथ ही सरकार ने कोरोना के संकट काल में प्रदेश के 25 करोड़ नागरिकों को बचाने के लिए सफल प्रयास किया। इंसेफेलाइटिस से मुक्ति दिलाने के बाद कोरोना को भी समाप्त किया गया। यह सुदृढ़ हुई स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते ही संभव हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।प्रति साल पांच लाख रुपये की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए इसमें लाभार्थी को कुछ भी नहीं देना है, सिर्फ हर साल सिर्फ आयुष्मान हेल्थ कार्ड का नवीनीकरण कराना है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ देश में सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के लोगों को मिला है। प्रदेश में 5 करोड़ 25 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान हेल्थ कार्ड बने हैं। इस योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी सूचीबद्ध हैं। इस योजना से आच्छादित लोगों के इलाज हेतु सरकार ने व्यापक प्रबंधन किए हैं। अस्पतालों में इसके लिए अलग कर्मचारी और काउंटर की व्यवस्था है ताकि लाभार्थियों को कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि किन्हीं भी कारणों से जो जरूरतमंद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से वंचित रह गए हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभान्वित किया गया है।
आयुष्मान योजना में गोरखपुर में खर्च हुए 320 करोड़
सीएम योगी ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ गोरखपुर के लोगों को भी भरपूर मिल रहा है। गोरखपुर में 91 सरकारी और 189 निजी अस्पतालों यानी कुल 280 अस्पतालों को इस योजना के तहत आच्छादित किया गया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना में लाभार्थियों के इलाज के लिए सरकार ने अस्पतालों को 320 करोड रुपये उपलब्ध कराए हैं।योगी ने कहा कि हर जरूरतमंद नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए सरकार की चलाई योजनाओं के बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति वंचित रह जाता है तो उसे मुख्यमंत्री राहत को से बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि अकेले गोरखपुर में 7437 लोगों को 123.16 करोड रुपये की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना या दीनदयाल कैशलेस योजना में भी नहीं है तो उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में देर नहीं लगाई जाती है।