हरदीप एस पुरी खुले में शौच के अभिशाप से मिली मुक्ति, नौ वर्षों में 12 करोड़ शौचालय बनाए गए

नगराज दर्पण समाचार
नई दिल्ली। स्वच्छ भारत मिशन भी ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ के दर्शन का एक ज्वलंत उदाहरण है। आवास एवं शहरी मामलों और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने हमारे शहरों के हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी है और शहरी गरीबों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए प्रयास किया है। श्री पुरी स्वच्छता ही सेवा-2023 के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे।
स्वच्छ भारत दिवस की प्रस्तावना के रूप में, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी और ग्रामीण द्वारा संयुक्त रूप से 15 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 के बीच वार्षिक स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इस पखवाड़े का उद्देश्य भारतीय स्वच्छता लीग 2.0, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर और सामूहिक स्वच्छता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से देश भर में करोड़ों नागरिकों की भागीदारी जुटाना है।
स्वच्छता ही सेवा-2023 को जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी की उपस्थिति में एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए किया। इस आयोजन के दौरान, लेह, लद्दाख; पिंपरी, महाराष्ट्र; मेरठ, उत्तर प्रदेश; लखीमपुर, असम के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने शहरों में स्वच्छता से संबंधित गतिविधियो के सर्वोत्तम तरीके साझा किये।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता ही सेवा-2023 पर एक वीडियो लॉन्च किया गया। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में स्वच्छता ही सेवा-2023 का लोगो, वेबसाइट और पोर्टल भी लॉन्च किया गया। इस अवसर पर ‘इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) 2.0’, ‘सफाईमित्र सुरक्षा शिविर’ लोगो और ‘नागरिक पोर्टल’ का भी शुभारम्भ किया गया।आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की, तो इतने बड़े पैमाने पर परिवर्तन की पहले कभी कल्पना नहीं की गई थी। तब तक स्वच्छता पर खराब प्रदर्शन के बावजूद, भारत ने अगले पांच वर्षों में खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) का लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत में सभी 4,884 शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) (100 प्रतिशत) अब खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हैं।स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत हुए बदलाव के बारे में बात करते हुए श्री पुरी ने बताया कि 73.62 लाख शौचालय (67.1 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और 6.52 लाख सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय) बनाकर हमने लाखों शहरी गरीबों को सम्मान और स्वास्थ्य प्रदान किया है। भारत के 95 प्रतिशत वार्डों में 100 प्रतिशत घर-घर से कचरा संग्रहण होता है। 88 प्रतिशत से अधिक वार्डों में कचरे को अलग करने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन एक सामान्य सरकारी कार्यक्रम के बजाय एक ‘जन आंदोलन’ बन गया है। हरदीप सिंह पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता न सिर्फ हर सरकारी योजना में बल्कि नागरिकों की जीवन शैली का भी मूलभूत सिद्धांत बन गया है।स्वच्छ भारत मिशन की अब तक की उपलब्धियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं, जिससे देश को खुले में शौच के अभिशाप से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि हमारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जो मिशन की शुरुआत में लगभग न के बराबर था, अब प्रभावशाली 76 प्रतिशत पर है और जल्द ही हम शत-प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।