Nagraj Darpan

नगराज दर्पण समाचार

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर में एक प्रमुख मीडिया समूह के कार्यक्रम ‘संवादी गोरखपुर’ को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में हिन्दी भाषा की महत्ता, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प, श्रमिकों के उत्थान और स्थानीय उत्पादों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ माना गया है, जो जनचेतना को जागरूक कर समाज के मुद्दों को सरकार के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में लोगों ने स्वत:स्फूर्त भाव से मीडिया को चौथा स्तंभ माना है। देश की आजादी के आंदोलन के दौरान पत्र-पत्रिकों ने जनचेतना के ज्वार को तेज किया। चाहे अलग-अलग क्रांतिकारी समूह रहा हो, या कोई भी लीडरशिप, वो किसी न किसी पत्र-पत्रिका के साथ जुड़ा रहा। कोई स्वराज, कोई राष्ट्रधर्म तो कोई धर्मयुग के नाम से जनचेतना को जागरूक करने का प्रयास करता रहा। उसी प्रकार की कविताएं और लेखन भी आए, जो लोगों के अंत:करण को झकझोरते रहे। मुख्यमंत्री ने काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक राम प्रसाद बिस्मिल की अंतिम इच्छा का भी उल्लेख किया और बताया कि उनके वाक्यों ने देश के युवाओं को आजादी के आंदोलन से जोड़ने के लिए प्रेरित किया।

मुख्यमंत्री ने हिन्दी भाषा को पूरे देश को जोड़ने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दी ने भारत की आजादी के आंदोलन में महापुरुषों को जनता से जोड़ने का कार्य किया। सीएम योगी ने कहा कि अंत:करण से कही गई भाषा ही लोगों को सम्मोहित कर पाती है, हिन्दी ने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक संवाद का सशक्त माध्यम बनकर देश को एकजुट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रनायकों के बारे में जो लेखन हुआ उसका अवलोकन करें तो पाएंगे कि कहीं श्याम नारायण पांडेय महाराणा प्रताप की वीरगाथा को देश के सामने रख रहे हैं तो कहीं सुभद्रा कुमारी चौहान झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को केंद्र में रखकर भारत की मातृशक्ति के शौर्य और सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का कार्य किया। भारत की आजादी के लिए अपना सबकुछ समर्पित करने वाले क्रांतिकारियों के प्रति रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां हम सभी को नई प्रेरणा देती हैं। जिसमें वह कहते हैं कि कलम आज उनकी जय बोल, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर दिया। उनके लिए नहीं जिन्होंने सत्ता के लिए स्वाभिमान के साथ समझौता किया हो। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने भी यही प्रेरणा हमें दी थी। हिन्दी के बारे में तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाने का कार्य होता है। हिन्दी आज भी देश को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री मोदी जी सबसे ज्यादा इसका उपयोग करते हैं। देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हिन्दी में अपनी बात रखकर संवाद स्थापित करते हैं। मुख्यमंत्री ने जी-20 समिट का उल्लेख करते हुए कहा कि इस आयोजन ने पूरी दुनिया में भारत की छवि को चमकाने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि जी-20 में भी संवाद का माध्यम हिन्दी ही बना। भारत सरकार ने हिन्दी को इस समिट में अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया। सीएम योगी ने जी-20 समिट में जर्मनी के लोगों की चर्चा करते हुए कहा कि उन लोगों ने बताया था कि भारत में हुआ समिट अबतक के सभी समिट से अलग रहा।

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