नगराज दर्पण समाचार
अयोध्या । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सामर्थ्य के अनुसार देश व धर्म के लिए कुछ करने के साथ ही समाज और हर एक को जोड़ने की आवश्यकता है। देश है तो धर्म है, धर्म है तो हम सब हैं। हमारा ध्येय सनातन धर्म की रक्षा और भारत को विकास के परम वैभव तक पहुंचाने का होना चाहिए। सीएम ने जाति के नाम पर बांटने वालों से बचने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री गुरुवार को जानकी महल में आयोजित श्रीरामजानकी विवाह उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार का भव्य आयोजन आज जनकपुर धाम में भी हो रहा है। छह वर्ष पूर्व भारत व यूपी सरकार के योजनान्तर्गत विवाह पंचमी पर जनकपुर धाम में जाने और मां जानकी के भव्य मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। आज जानकी महल में विवाह पंचमी कार्यक्रम में फिर से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। योगी ने कहाकि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान इसे नई ऊंचाई तक पहुंचाने में यह महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु था। मेरे पूज्य गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ जी महाराज रामजन्मभूमि आंदोलन से संबंधित किसी महत्वपूर्ण बैठक या आंदोलन के लिए आते थे तो अक्सर वे रात्रि विश्राम जानकी महल में ही करते थे। यह अनेक पूज्य संतों व आयोजनों का केंद्र बिंदु रहा है। सीएम ने कहा कि यह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण रहा। जब 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी के करकमलों से अयोध्या धाम में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम लला के रूप में विराजमान हो चुके हैं। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में कोई भी ऐसा सनातन धर्मावलंबी नहीं था, जो उस क्षण से वंचित हुआ हो। कोई यहां उपस्थित हुआ तो किसी ने श्रव्य-दृश्य माध्यम से उस पल को देखा-सुना। 500 वर्ष तक चले संघर्षों का सामना करते-करते कई पीढ़ियां चली गईं, लेकिन यह सौभाग्य हमारे भाग्य में था कि फिर से भव्य मंदिर में रामलला को विराजमान होते हमने देखा है। 22 जनवरी को हर सनातन धर्मावलंबी उत्साहित और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा था।योगी ने कहा कि 2017 के पहले की अयोध्या में बमुश्किल चार से पांच घंटे बिजली मिलती थी। यहां साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं थी। राम की पैड़ी में सरयू जी का जल सड़ता था। लोग उसी में स्नान कर पाते थे। एयर, रेल, सड़क कनेक्टिविटी अच्छी नहीं थी। अब तो न केवल सड़क, बल्कि रेल व वायुमार्ग से अयोध्या का अच्छा जुड़ाव हो चुका है। जल मार्ग पर भी हमारा सर्वे का कार्य चल रहा है। व्यवसाय और प्रोडक्ट को दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए जल मार्ग आसान हो सकता है। संकरी गलियां चौड़ी हो रही हैं। अब राम की पैड़ी स्वच्छ हो गई है। हर स्तर पर विकास कार्य निरंतर बढ़ते दिख रहे हैं। श्रीराम ने महाराजा दशरथ से कहा कि आपका वचन मेरी प्रतिज्ञा है। अपने लिए नहीं, बल्कि सनातन धर्म व देश के लिए जो अच्छा है, वह करुंगा। श्रीराम ने14 वर्ष का वनवास स्वीकार किया। उन्होंने निषादराज को गले से लगाया, चित्रकूट में कोल, वनवासी, गिरवासी से जुड़े। 12 वर्ष चित्रकूट में रहे, भारत के ज्ञान और विरासत के प्रतिनिधि होने के कारण ऋषि-मुनियों को अभय प्रदान किया। उस समय दंडकारण्य को राक्षस विहीन किया। उन्होंने रामेश्वर में ज्योतिर्लिंग की स्थापना की। आज भी हम रामेश्वर में दर्शन करते हैं। उन्होंने सेतुबंध का निर्माण किया और धरती मां को राक्षस विहीन किया।रामराज्य की व्यवस्था आदर्श, हर कोई था खुशहाल सीएम योगी ने कहा कि 14 वर्ष बाद अयोध्या आने से पहले श्रीराम ने हनुमान जी को भेजा कि जाओ, देखो- ऐसा तो नहीं कि भरत को राज्य का मोह हो गया हो, यदि वह राजा रहना चाहते हों तो मैं अयोध्या वापस नहीं जाऊंगा। हनुमान जी ने देखा कि संन्यासी के रूप में भरत श्रीराम जी का इंतजार कर रहे हैं। यह बातें हनुमान जी ने श्रीराम को बताईं, तब भगवान राम ने आकर प्रजा की भावनाओं का सम्मान करते हुए जिस व्यवस्था को आगे बढ़ाया, वह रामराज्य की आदर्श व्यवस्था थी। कहीं दरिद्रता-अव्यवस्था नहीं थी, हर जगह खुशहाली थी। भारत की परंपरा भी यह कहती है कि हम जिसकी पूजा करते हैं, उसके अनुरूप बनने का प्रयास करना चाहिए, उनके आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए।