भारत अर्थात इण्डिया हमने दोनों शब्दों का प्रयोग इसीलिए किया है ताकि कोई विवाद न उठे क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जी 20 देशों के सम्मेलन के दौरान रात्रिभोज के लिए निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट आफ भारत लिखा है। विपक्षी दलों के नेता इस पर विरोध जता रहे हैं लेकिन इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं कि विश्वमंच पर भारत का महत्व और विश्वास दोनों में बढत दिखी है। यहां पर सत्ता संभाल रहे राजनीतिक दलों को भी मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि हमने कोई आसमान में तीर मार दिया है। हम जब 1947 में आजाद हुए थे तब हम बुरी तरह लुटे पिटे थे। एक हजार साल तक हमारे देश के हाड मांस को बुरी तरह नोचा गया। उस समय हम खुद कभी आधे पेट तो कभी खाली पेट सोते थे। बाहर से अनाज मांगना पडता था। ऐसे हालात में अफ्रीका का कोई राष्ट्रपति क्यों हमारे प्रधानमंत्री के पैर छूता। आज हम दूसरे देशों को मुफ्त में अनाज और दवाएं भेजते हैं। यूक्रेन जैसे छोटे मुल्क से लड रहे रूस जैसे ताकतवर देश से यह कहने का साहस कर सकते हैं कि यह समय युद्ध का नहीं है। भारत की कद काठी देखकर ही दुनिया के छोटे-छोटे देश भरोसे की उम्मीद लगाए हुए हैं। भारत को जी 20 देशों की अध्यक्षता सौंपी गयी है। इसलिये भारत दक्षिणी विश्व की भरोसे मंद आवाज बन सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों एक समाचार माध्यम को दिये साक्षात्कार में बताया कि भारत किस तरह से जी20 शिखर सम्मेलन में दक्षिणी विश्व अर्थात ग्लोबल साउथ की भरोसेमंद आवाज बना है और दुनिया में किस तरह से हर देश के साथ मित्रता रखता है। तमाम सवालों को लेकर पीएम मोदी ने इंटरव्यू में बेबाकी और खुले तौर से अपनी बात देश और दुनिया के सामने रखी है। बात ऐसे समय में हो रही है जब भारत जी20 शिखर सम्मेलन के जरिए दुनिया की मेजबानी करने जा रहा है। पीएम मोदी का मानना है कि विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के पीछे कई कारक हैं। पीएम मोदी ने राजनीतिक कूटनीति और दुनिया के देशों के साथ मित्रता कायम रखने के सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि कई दशकों की अस्थिरता के बाद, 2014 में भारत के लोगों ने एक स्थिर सरकार के लिए वोटिंग की थी जघ्सिके पास देश के विकास के लिए नीति और स्पष्ट एजेंडा था। इन सभी सुधारों ने भारत को न केवल अपनी अर्थव्यवस्था बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और वेलफेयर की दघ्शिा में मजबूत और सशक्त बनाया है साथ ही देश को विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक समाधानों का हिस्सा बनने की क्षमता भी दी है। चाहे अंतरिक्ष हो या विज्ञान, प्रौद्योगिकी हो या व्यापार, अर्थव्यवस्था हो या पारिस्थितिकी, भारत के कार्यों को दुनिया भर में सराहना मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी कोई देश हमारे साथ बातचीत करता है तो वो जानते हैं कि वे एक आकांक्षी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं जो अपने हितों का ख्याल रखते हुए उनकी प्रगति में उनके साथ साझेदारी करना चाहता है। यह एक ऐसा भारत है जिसके पास हर रिश्ते में देने के लिए बहुत कुछ है और स्वाभाविक रूप से, हमारे वैश्विक पदचिह्न विभिन्न क्षेत्रों में बढ़े और यहां तक कि जो देश हमें प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते थे वे हमारे साथ मित्रता रखने लगे हैं।
मोदी कहते हैं कि जब ग्लोबल साउथ की बात आती है तो ये वे देश हैं जिनके साथ हम सहानुभूति रखते हैं। चूंकि भारत भी विकासशील विश्व का हिस्सा है। लेकिन हम उनकी आकांक्षाओं को समझते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से जी20 समेत हर मंच पर ग्लोबल साउथ के देशों की चिंताएं उठाता रहा है। मोदी कहते हैं कि जैसे ही हम जी20 के अध्यक्ष बने, हमने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन आयोजित किया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि हम उन लोगों को शामिल करने के लिए एक आवाज बने जो वैश्विक बातचीत और संस्थागत प्राथमिकताओं से बाहर महसूस करते थे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में अफ्रीका के साथ संबंधों को महत्व दिया गया है। जी20 में भी हमने अफ्रीकी संघ को शामिल करने के विचार को गति दी है। पीएम मोदी ने एक सवाल का जवाब देते हुए यह कहा कि हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो विश्व को एक परिवार के रूप में देखता है। हमारा जी 20 का आदर्श वाक्य ही यही कहता है। किसी भी परिवार में हर सदस्य की आवाज मायने रखती है और दुनिया के लिए भी यही हमारा विचार है। दक्षिणी विश्व को अर्से के बाद भारत जैसा देश मिला जिस पर भरोसा किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 22 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे। यहां उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने 15वें ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। दक्षिण अफ्रीका के उप- राष्ट्रपति पाउल माशातिले ने वाटरक्लूफ एयर फोर्स बेस पर मोदी का स्वागत किया जहां उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के निमंत्रण पर मोदी 22 से 24 अगस्त तक इस देश की यात्रा पर थे। अफ्रीका 2019 के बाद ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के पहले प्रत्यक्ष सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था। इसी दौरान पापुआ गिनी के पीएम ने मोदी के पैर छुए। लोगों ने कहा मैंने भगवान तो नहीं देखा है पर मोदीजी मेरे लिए भगवान से भी बढ़कर है। मोदीजी आप हमारे उज्जवल भविष्य के लिए जो मेहनत कर रहे हैं वह अतुलनीय है, ईश्वर आपको समस्त ब्रह्मांड की खुशी प्रदान करें।