Nagraj Darpan

नगराज दर्पण समाचार
गोरखपुर।भारतीय प्रेस परिषद के तत्वधान में प्रेस दिवस के अवसर पर शनिवार को राष्ट्रीय मीडिया केंद्र दिल्ली में समारोह का आयोजन किया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और वरिष्ठ पत्रकार कुंदन रमनलाल व्यास मौजूद थे।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए भारत के जीवंत और विविध मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रकाश डाला, जिसमें 35,000 पंजीकृत समाचार पत्र, कई समाचार चैनल और एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा शामिल है। मंत्री ने कहा कि 4जी और 5जी नेटवर्क में निवेश ने भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे कम डेटा कीमतों के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी के मामले में सबसे आगे पहुंचा दिया है।
अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ते चलन और इन प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया। 1990 के दशक में विकसित सेफ हार्बर की अवधारणा, जब डिजिटल मीडिया की उपलब्धता विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में चुनिंदा उपयोगकर्ताओं तक सीमित थी, ने प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ता-जनित सामग्री के लिए जवाबदेह ठहराए जाने से प्रतिरक्षा प्रदान की। उन्होंने उल्लेख किया कि वैश्विक स्तर पर इस बात पर बहस तेज हो रही है कि क्या सेफ हार्बर प्रावधान अभी भी उचित हैं, गलत सूचना, दंगों और यहां तक कि आतंकवादी कृत्यों के प्रसार को सक्षम करने में उनकी भूमिका को देखते हुए। उन्होंने कहा, “क्या भारत जैसे जटिल संदर्भ में काम करने वाले प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारियों का एक अलग सेट नहीं अपनाना चाहिए? ये दबाव वाले सवाल एक नए ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं जो जवाबदेही सुनिश्चित करता है और राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने की सुरक्षा करता है।
श्री वैष्णव ने पारंपरिक कंटेंट क्रिएटर्स के लिए उचित मुआवज़े की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और पारंपरिक मीडिया के बीच सौदेबाजी की शक्ति में विषमता को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “कंटेंट बनाने में पारंपरिक मीडिया द्वारा किए गए प्रयासों को उचित और उचित रूप से मुआवज़ा दिया जाना चाहिए”।
अपने संबोधन के दौरान न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की व्यापक उपलब्धता और आध्यात्मिक मीडिया, ब्लॉग और पॉडकास्ट के लगातार उपयोग ने समाचार और सूचना तक पहुँच को बहुत बढ़ा दिया है। इसने न केवल जीवन को आसान बनाया है, बल्कि इसके साथ चुनौतियाँ भी लाई हैं और इसी संबंध में सटीक समाचार समय पर हमारे पास पहुँचना चाहिए।उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारिता की अखंडता को बनाए रखने, जनहित की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कदम उठाए हैं कि मीडिया सूचना के लिए एक विश्वसनीय और नैतिक मंच के रूप में कार्य करे। पीसीआई की पहल का उद्देश्य पत्रकारिता में प्रतिभा, नैतिक विकास को बढ़ावा देना है, लेकिन साथ ही महत्वाकांक्षी पत्रकारों के बीच जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना को भी बढ़ावा देना है।”

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