
नगराज दर्पण समाचार
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खादी महोत्सव का भव्य उद्घाटन किया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस सप्ताहव्यापी महोत्सव में देशभर से आए खादी और हथकरघा उत्पादों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। सीएम योगी ने प्रत्येक स्टॉल का दौरा किया और उत्पादों की जानकारी ली। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी खादी को भारत का स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।
योगी ने कहा कि खादी केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि भारत का स्वाभिमान है। महात्मा गांधी ने इसे एक आंदोलन बनाया, जिसने आजादी की लड़ाई को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। चरखे ने देशवासियों को न केवल रोजगार का साधन प्रदान किया, बल्कि यह राष्ट्रीय आंदोलन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बना। आज, आधुनिक युग में यह मैनुअल, सोलर और इलेक्ट्रिक चरखों के रूप में विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि खादी न केवल एक कला है, बल्कि समाज की आवश्यकता भी है।
महोत्सव में माटी कला बोर्ड द्वारा प्रस्तुत उत्पादों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिट्टी से बने बर्तनों ने थर्माकोल और प्लास्टिक का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि माटी कला उद्योग से जुड़े प्रजापति समुदाय को तालाबों से मुफ्त मिट्टी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे वर्षभर बर्तन बना सकें। माटी कला न केवल रोजगार का साधन बनी है, बल्कि दीपोत्सव जैसे आयोजनों ने इसे हर घर की परंपरा में शामिल कर दिया है।मुख्यमंत्री ने शहद उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल एक लाभदायक व्यवसाय है, बल्कि तिलहनी फसलों की उत्पादकता भी बढ़ाता है। उन्होंने इसे “आम के आम, गुठली के दाम” की संज्ञा दी और कहा कि मधुमक्खियां फसल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार करती हैं। सीएम योगी ने ओडीओपी योजना की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना उत्तर प्रदेश की विशिष्ट पहचान बन गई है। हर जिले का एक उत्पाद अब न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में सबसे प्रभावी ढंग से लागू किया है। उन्होंने कहा कि हर जिले के उत्पाद न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि हस्तशिल्प और उद्यमिता को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न जिलों के वस्त्रों और हस्तशिल्प उत्पादों की विशिष्टताओं की चर्चा करते हुए कलाकारों की प्रतिभा की भी सराहना की।सीएम ने जोर देते हुए कहा कि सरकार ने खादी, माटी कला और अन्य उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए तंत्र विकसित किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि जिन लाभार्थियों को सोलर या इलेक्ट्रिक चाक, चरखा आदि प्रदान किए गए हैं, वे अपनी आय का एक हिस्सा बचत के रूप में सुरक्षित रखें और अन्य लोगों को स्वावलंबन के मार्ग पर प्रेरित करें। उन्होंने का कि यह “स्वावलंबन की चेन” है। सीएम योगी ने कहा कि पिछले 7 वर्ष में 3.5 लाख से अधिक लोगों को अकेले इस विभाग ने खादी के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने में अपना योगदान दिया है। योगी ने कहा कि अब लोग त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने चीन निर्मित उत्पादों के स्थान पर स्थानीय हस्तशिल्प और ओडीओपी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने की सराहना की। सीएम योगी ने कहा कि पहले त्योहार हमारा होता था सामान चीन से बिकने के लिए यहां पर आता था। वे लोग शरारत भी करते थे, उत्पादों में ऐसा जहर मिलते थे कि बच्चे छूते थे तो बीमार हो जाते थे, बहुत सारे लोगों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा बना रहता था। सीएम योगी ने कहा कि स्थानीय उत्पाद न केवल हमारे कलाकारों को रोजगार देते हैं, बल्कि भारत के विकास में भी योगदान करते हैं।