
बोले योगी,पिछली सरकारों में जाति,मत,मजहब और पंथ के नाम पर बांटे जाते थे महापुरुष
नगराज दर्पण समाचार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान के अंतर्गत एक संगोष्ठी को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महापुरुषों को जाति, मत या मजहब के आधार पर बांटा नहीं जा सकता। उन्होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने महापुरुषों को इन आधारों पर विभाजित करने का प्रयास किया। विशेष रूप से समाजवादी पार्टी के शासनकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि औरैया में माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर स्थापित डिग्री कॉलेज का नाम बदलने का प्रयास किया गया था। उन्होंने गर्व के साथ घोषणा की कि वर्तमान सरकार ने औरैया के मेडिकल कॉलेज का नाम माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम में प्रदेशभर से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी कार्यकर्ताओं का हार्दिक स्वागत किया और माता रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां सदाचार और सद्बुद्धि है, वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सकारात्मक ऊर्जा की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश के 140 करोड़ लोग प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने 2014 से पहले की सरकारों पर भारत को भारतीय दृष्टिकोण से न देखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उस समय राम और कृष्ण को काल्पनिक बताया गया, रामसेतु को तोड़ने की कोशिश की गई और भ्रष्टाचार, अविश्वास, अराजकता व राजनीतिक षड्यंत्र का बोलबाला था। वहीं, मोदी सरकार ने ‘नेशन फर्स्ट’ का भाव पैदा किया, जिसके परिणामस्वरूप आज भारत गर्व के साथ नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि नया भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन अगर कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ता भी नहीं। ऑपरेशन सिंदूर इसका जीवंत उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने माता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को हुआ था। छोटी उम्र में विवाह के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और 1725 से 1795 तक अपने 70 वर्ष के जीवनकाल में आदर्श शासन व्यवस्था स्थापित की। उन्होंने किसानों, नौजवानों, कारिगरों, हस्तशिल्पियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। मुख्यमंत्री ने औरंगजेब और बाबर के समय में तोड़े गए मंदिरों के पुनरोद्धार का जिक्र करते हुए कहा कि अहिल्याबाई ने मालवा राज से बाहर निकलकर पशुपतिनाथ, रामेश्वर, महाकाल, काशी विश्वनाथ, सोमनाथ और बंगाल तक के मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। बनारस की तरह माहिष्मति की साड़ियां और नर्मदा घाट की भव्यता आज भी उनके शासन की गवाही देती है।
मुख्यमंत्री ने अहिल्याबाई को नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही थीं, तब भारत में अहिल्याबाई एक आदर्श शासन व्यवस्था चला रही थीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सात वर्किंग विमेन हॉस्टल अहिल्याबाई के नाम पर बनाए जा रहे हैं। साथ ही, नारी वंदन अधिनियम और शासन की अन्य योजनाओं के माध्यम से नारी शक्ति के सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएसी की तीन बटालियनों का नाम अवंती बाई, झलकारी बाई और वीरांगना उदा देवी के नाम पर रखा है, जो नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है।