मुंबई-चेन्नई और चेन्नई-कोलकाता पर अक्टूबर से होगा तकनीक पर काम
शरद पाण्डेय
नई दिल्ली। रेलवे ने ट्रेन हादसों को रोकने के लिए देश के दो और प्रमुख रूट पर कचव का अपग्रेट वर्जन 4.0 लगाने का फैसला किया है। नए वर्जन को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने हाल में अप्रूवल दे दिया है। इन दोनों रूटों के लिए टेंडर जल्द निकाला जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार अक्तूबर में कवच 4.0 लगाने का काम भी शुरू हो जाएगा।
भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रूटों में से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता हैं। इन दोनों रूटों को कवच से लैस किया जा रहा है। अब कवच 4.0 आने के बाद मुंबई-चेन्नई व चेन्नई-कोलकाता रूट पर भी कवच लगाने का फैसला लिया गया है। इस तरह चारों रूटों को मिलाकर करीब 9 हजार किमी. लंबे ट्रैक को कचव से लैस कर दिया जाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हर साल करीब 4 हजार किमी. ट्रैक पर कवच लगाया जाएगा. इस तरह अगले तीन सालों में चारों रूटों को कचव से लैस कर दिया जाएगा। मौजूदा समय 1465 किमी. रेलवे ट्रैक कचव से लैस हो चुका है।
कवच 4.0 का ट्रायल
कचव 4.0 तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका ट्रायल पहाड़ी इलाकों से लेकर समुद्री तट तक और बर्फबारी वाले इलाकों से लेकर घने जंगलों तक किया जा चुका है। सभी इलाकों में इसका ट्रायल सफल रहने के बाद आरडीएसाओ ने अप्रूवल दे दी है। इसके बाद रेलवे मंत्रालय ने दो और रूटों पर लगाने का फैसला किया है।
4 सालों में सभी इंजनों पर लग जाएगा कचव 4.O
भारतीय रेलवे में 20 हजार के करीब इंजन हैं। रेलवे के अनुसार हर साल करीब 5 हजार इंजनों पर कचव 4.O लगाया जाएगा। इस तरह अगले चार साल में सभी इंजन कचव 4.O से लैस हो जाएंगे। इसके साथ ही, ट्रैक और स्टेशन प्वाइंट पर भी कचव 4.O लगाया जाएगा। तीनों जगह कचव लगने के बाद ट्रेनों में टक्कर होने की संभावना खत्म हो जाएगी।