Nagraj Darpan

नगराज दर्पण समाचार
कानपुर । गुरुवार को नगर आयुक्त जीएन शरणप्पा ने अपने अधिवक्ता के साथ सीएमएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। नगर निगम कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित 13 साल पुराने मुकदमे में श्रमायुक्त के आदेश का पालन न करने पर और कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश को न मानने पर कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। लगभग एक महीने पहले सीएमएम सूरज मिश्रा ने सख्त टिप्पणी के साथ पुलिस कमिश्नर ,आयुक्त को पत्र भेजा था। इसकी प्रति जिलाधिकारी को भी भेजी गई थी।पत्र में कहा था कि पुलिस कमिश्नर एक सक्षम उच्चस्तर के अधिकारी को निर्देशित कर नगर आयुक्त जैसे उच्च पद पर आसीन आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार करके चार अक्तूबर तक न्यायालय में पेश करें। नगर निगम में कार्यरत कपिल मुनि सिंह समेत 25 कर्मचारियों को वर्ष 2006 में सेवा से हटा दिया गया था। श्रमायुक्त ने वर्ष 2010 में इन कर्मचारियों की बहाली के आदेश दिए थे। लेकिन आदेश का पालन न होने पर सीएमएम कोर्ट में वाद दाखिल किया गया था। नगर आयुक्त के कोर्ट में हाजिर न होने पर 22 जून 2023 को गैर जमानती वारंट जारी हो गया था। अधिवक्ता ने वारंट निरस्त करने के लिए अर्जी दी थी। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। नगर आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी नगर आयुक्त हाजिर नहीं हुए। नगर निगम चौकी प्रभारी की रिपोर्ट में कहा गया कि नगर आयुक्त कार्यालय में नहीं मिले। मामला आईएएस अधिकारी का है। इसलिए वारंट तामीली के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया था। कोर्ट ने माना कि नगर आयुक्त के प्रभाव और प्रशासनिक दबाव के कारण पुलिस कोर्ट के वारंट को कानूनी तौर पर तामील नहीं करा पा रही है और जानकारी के बावजूद नगर आयुक्त जान बूझकर कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं। इस पर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को वारंट की तामीली के लिए पत्र भेजा हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *